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उच्च शिक्षा मंत्री से काॅलेज की फीस से सम्बन्धित बातचीत...

उच्च शिक्षा मंत्री से काॅलेज की फीस  से सम्बन्धित बातचीत... 


उच्च शिक्षा मंत्री का बयान: ये नीतिगत निर्णय है, फीस वापस नहीं होगी, इसका उपयोग यूनिवर्सिटी के विकास में किया जाएगा

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दो साल में परीक्षा शुल्क के यूनिवर्सिटीज के पास जमा हाे गए करीब 200 करोड़ रुपए....

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बीकानेर।

काेराेना महामारी के कारण राज्य में यूनिवर्सिटीज की परीक्षाओं के संबंध में सरकार के स्तर पर फैसला हाेना बाकी है। लेकिन परीक्षा के लिए ली गई फीस बड़ा मुद्दा बन गई है। स्कूली शिक्षा की तरह उच्च शिक्षा विभाग ने भी परीक्षा कराने के नाम पर करीब 200 कराेड़ रुपए जमा किए हैं। लेकिन विभाग की मंशा यह पैसा छात्राें काे वापस लाैटाने की नहीं लग रही। काेराेना महामारी के कारण 2020 में प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं नहीं हा़े पाई थी। लेकिन परीक्षा शुल्क लिया गया था। 


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2021 में सरकार की ओर से गठित कमेटी ने द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया है। इस पर अधिकारिक फैसला हाेना बाकी है। प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हाेगी, लेकिन छात्राें से फीस ली जा चुकी है। अकेले महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी ने स्नातक प्रथम वर्ष के छात्राें से दाे साल में 14 कराेड़ रुपए परीक्षा फीस जमा की है।


विवि में एक लाख स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। परीक्षा शुल्क प्रति छात्र 700 रुपए है। प्रदेश में सबसे कम फीस गंगासिंह यूनिवर्सिटी की है। जबकि जाेधपुर, उदयपुर, जयपुर, काेटा समेत अन्य विवि में स्नातक परीक्षा फीस एक हजार से दाे हजार रुपए तक है। इस हिसाब प्रदेश के सभी विवि के पास 2020 में करीब 100 कराेड़ जमा हुए थे। इस साल भी इतनी ही राशि परीक्षा फीस के नाम पर एकत्र हुई है।


प्रदेश काॅलेजाें में करीब 10 लाख परीक्षार्थी हैं। इसमें चार लाख का आंकड़ा ताे केवल सरकारी काॅलेजाें का है। प्राइवेट काॅलेजाें की संख्या ज्यादा है। परीक्षा फीस से जुड़े इस ज्वलंत मसले पर भास्कर ने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी से सवाल-जवाब किए।


8 यूनिवर्सिटी है राज्य में

324 सरकारी काॅलेज

2000 प्राइवेट काॅलेज



👉उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी से सवाल-जवाब👉👉


विवि - काॅलेजों में परीक्षाओं को लेकर बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। क्या अब परीक्षाएं हाेंगी।

जवाब : कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। जरूरी नहीं कि कमेटी की सिफारिश मानी जाए।


बिना परीक्षा कराए आपके पास अंकतालिका तैयार करने का काेई विकल्प है।

जवाब : कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।


यूनिवर्सिटीज की परीक्षाओं काे लेकर अंतिम फैसला काैन करेगा।

जवाब : ये नीतिगत मामला है। इसका फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे।


दो साल से प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं हुई। कितना परीक्षा शुल्क की कितनी रकम जमा हुई हाेगी।

जवाब : प्रदेश में करीब दस लाख परीक्षार्थी हैं। लेकिन सभी काॅलेजाें की फीस अलग-अलग है। माेटे अनुमान के हिसाब से दो साल में 200 करोड़ से ज्यादा फीस की राशि जमा हुई हाेगी।


जब परीक्षा ही नहीं हाे रही ताे इस इतनी बड़ी रकम का क्या करेंगे। परीक्षार्थी फीस लाैटाने की मांग करने लगे हैं।

जवाब : परीक्षा शुल्क की राशि विवि के विकास में काम आएगा। अभी तक लौटाने का कोई निर्णय नहीं है। फिर भी विचार करेंगे।


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